महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़, गोरखपुर

  आज के सुविचार
  •   इस संसार में हर इंसान अलग है इसलिए जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना सीखें

  •   जो मनुष्य दूसरों का मर्म समझते हैं वास्तव में वही महापुरुष हैं

  •   lnkpkj gh dY;k.k dh tud vkSj dhfrZ dks c<+kus okyk gSA

  •   tks euq"; vius eu dks fu;a=.k esa ugha j[k ldrk] og 'k=q ds leku dk;Z djrk gSA

  •   tks O;fDr ifo= vkSj lglh gS oks dqN Hkh dj ldrk gSA

  •   tks fpUrk djrk gS] og nq[kh gSA tks fpUru djrk gS] og lq[kh gSA

  •   vkidk drZO; gh /keZ gS] izse gh bZ'oj gS] lsok gh iwtk gS vkSj lR; gh HkfDr gSA

  •   ln~xq.kksa ds fodkl esa fd;k gqvk dksbZ Hkh R;kx dHkh O;FkZ ugha tkrkA

  •   pfj=oku O;fDr gh fdlh jk’Vª dh okLrfod lEink gSaA

  •   ekuo thou dk ewy mn~ns'; lekt dh lPph lsok djrs gq, vkRe dY;k.k djuk gSA

म.प्र. शिक्षा परिषद्‌ के संस्थापक

ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज

महाविद्यालय के संस्थापक

ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज
MPM Manager

प्रबंधक/मंत्री

श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज
MPM Principle

अध्यक्ष

प्रो. उदय प्रताप सिंह

आज के कार्यक्रम

सम्पूर्ण देखे

हमारे आदर्श एवं उद्देश्य

स्वदेश, स्वधर्म, स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिये सर्वस्व निछावर करने वाले राष्ट्रनायक परमवीर महाराणा प्रताप का उज्ज्वल प्रदीप्त चरित्र हमारा आदर्श है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के श्रीमुख से निःसृत-
'जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी'
और पुण्य प्रताप महाराणा प्रताप का यह उद्‌घोष कि-
'जो हठि राखे धर्म को तिहि राखै करतार'
हमारे सदा स्मरणीय बोधवाक्य हैं। शिक्षा परिषद्‌ और महाविद्यालय को राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप के नाम पर स्थापित करने के पीछे यही स्पष्ट उद्देश्य और प्रयोजन है कि इन संस्थाओं में अध्ययन-अध्यापन करने वाला युवा आधुनिक ज्ञान-विज्ञान एवं कला की कालोचित शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ अपने देश और समाज के प्रति सहज निष्ठा और अटूट श्रद्धा का भी पाठ पढ़े। और देखें


महाराणा प्रताप महाविद्यालय : एक परिचय

शिक्षा के प्रयास को लोक जागरण एवं राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का सशक्त माध्यम स्वीकार करते हुए ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने शैक्षिक दृष्टि से अत्यन्त पिछड़े पूर्वी उत्तर प्रदेश के केन्द्र एवं अपनी कर्मस्थली गोरखपुर में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की शिक्षण संस्थाओं को संचालित करने हेतु महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद्‌ की १९३२ ई० में स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अविस्मरणीय भूमिका की नींव रखी। महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड ...और देखें

योगिराज बाबा गम्भीरनाथ निःशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र,
जंगल धूसड़, गोरखपुर
योगिराज बाबा गम्भीरनाथ सेवाश्रम,
जंगल धूसड़, गोरखपुर